XY प्रकार के शरीरवाले पहलवान (चाहे जिस लिंग का हो) की सुंदरता को बरनता हुआ एक लमछुआ काव्य - महाकाव्य! इसे मैंने ब्रजभाषा में लिखा है, और शास्त्रीय ढंग (पुरानी पारंपरिक विधि) में लिखने की कोशिश की है, यद्यपि हिंदी भाषाओं की अपनी अनूठी शब्दावली से भी बहुतेरे शब्द लिए हैं।